पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने बीसीसीआई को 11 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया
पीसीबी ने बीसीसीआई पर दोनों बोर्डों के बीच समझौता
ज्ञापन का सम्मान नहीं करने का मामला दर्ज किया था. इस समझौते के मुताबिक साल 2015 से साल 2023 तक भारत को पाकिस्तान के खिलाफ छह द्विपक्षीय सीरीज में खेलना था जिसे
बीसीसीआई ने नहीं माना.
पाकिस्तान क्रिकेट
बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष एहसान मनी ने 18 मार्च 2019 को दावा किया कि पीसीबी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट
परिषद (आईसीसी) की विवाद समाधान समिति में मुकदमा हारने के बाद भारतीय क्रिकेट
बोर्ड (बीसीसीआई) को मुआवजे के रूप में 16 लाख डॉलर (करीब 11 करोड़ रुपये) की राशि दी है.
इस मामले में भारत को भुगतान की गई राशि के अतिरिक्त
अन्य खर्च कानूनी फीस और यात्रा से संबंधित थे. पीसीबी ने साल 2018 में बीसीसीआई के खिलाफ आईसीसी की विवाद समाधान समिति के समक्ष करीब सात
करोड अमरीकी डॉलर (करीब 4 अरब 80 करोड़ 38 लाख 72 हजार 500 रुपये) के मुआवजे का दावा करते हुए मामला दायर किया था.
मुख्य बिंदु:
• पीसीबी ने बीसीसीआई पर दोनों बोर्डों के बीच समझौता ज्ञापन का सम्मान नहीं
करने का मामला दर्ज किया था.
• इस समझौते के मुताबिक साल 2015 से साल 2023 तक भारत को पाकिस्तान के खिलाफ छह द्विपक्षीय सीरीज
में खेलना था जिसे बीसीसीआई ने नहीं माना.
• इस मामले के विरुद्ध भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने आईसीसी के सामने यह दलील रखी
थी कि हम इस समझौते का पालन इसलिए नहीं कर पाए क्योंकि सरकार ने इसकी अनुमति नहीं
दी.
• पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इस मामले में यह दावा किया था कि यह समझौता
कानूनी रूप से बाध्यकारी है जिसका पालन भारत को करना ही पड़ेगा. भारतीय क्रिकेट
बोर्ड ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के इस दावे को भी खारिज कर दिया. बीसीसीआई ने
कहा है कि वह महज एक प्रस्ताव था.
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