For the first time in 358 years, Indian female scientist Gagandeep was involved in the Royal Society
हरियाणा के फरीदाबाद की गगनदीप कंग ने अपनी मेहनत से इस सूची में अपना स्थान बनाया है. उधर प्रख्यात वैज्ञानिक एवं कारोबारी यूसुफ हमीद इस साल के ब्रिटेन के प्रतिष्ठित ‘रॉयल सोसायटी’ से सम्मानित हस्तियों में शुमार हैं.
भारतीय मूल की वैज्ञानिक गगनदीप कंग रॉयल सोसायटी में शामिल होने वाली पहली महिला बन गई हैं. वह प्रतिष्ठित फेलो रॉयल सोसायटी (FRS) में 358 वर्षों के इतिहास में चयनित होने वाली पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक हैं.
हरियाणा के फरीदाबाद की गगनदीप कंग ने अपनी मेहनत से इस सूची में अपना स्थान बनाया है. उधर प्रख्यात वैज्ञानिक एवं कारोबारी यूसुफ हमीद इस साल के ब्रिटेन के प्रतिष्ठित ‘रॉयल सोसायटी’ से सम्मानित हस्तियों में शुमार हैं. ‘रॉयल सोसायटी 2019’ की सूची में शामिल भारतीय मूल के विशेषज्ञों में हमीद का नाम भी शामिल है.
इस संस्था में दुनिया के प्रख्यात वैज्ञानिक के नाम शुमार हैं. वैज्ञानिक एवं कारोबारी यूसुफ हमीद के अलावा इसमें 51 और नए सदस्यों तथा 10 नए विदेशी सदस्यों को शामिल किया गया है.
इस साल सदस्यता पाने वाले भारतीय मूल के वैज्ञानिकों में प्रो. गुरदयाल बसरा, प्रो. मंजुल भार्गव, प्रो. अनंत पारेख, प्रो. अक्षय वेंकटेश का नाम शामिल है.
गगनदीप कांग
गगनदीप कांग दक्षिण भारत के वेल्लोर कृत्रिम चिकित्सा महाविद्यालय में स्थित एक क्लीनियन वैज्ञानिक है. वह दस्त रोगों पर एक प्रमुख शोधकर्ता है, जो बच्चों में रोटाविरल संक्रमणों पर एक प्रमुख शोध के साथ, और रोटावायरल टीके के परीक्षण पर केंद्रित है.
गगनदीप कांग ने साल 1987 में एमबीबीएस पूरा कि और फिर साल 1991 में कृत्रिम चिकित्सा महाविद्यालय, वेल्लोर से माइक्रोबायोलॉजी में एमडी और साल 1998 में पीएचडी की. गगनदीप कांग एक चिकित्सा वैज्ञानिक है जिन्होंने दस्त रोगों पर काम किया है. उन्होंने 250 से अधिक वैज्ञानिक पत्र प्रकाशित किए हैं.
रॉयल सोसायटी के बारे में:
‘रॉयल सोसायटी’ ब्रिटेन और राष्ट्रमंडल देशों की एक स्वतंत्र वैज्ञानिक अकादमी है, जो विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिये समर्पित है. इसकी स्थापना साल 1660 में हुई थी और अधिकांश लोग इसे अपने तरह की संसार की सबसे पुरानी संस्था मानते हैं जो अब भी काम कर रही है.
रॉयल सोसाइटी की फैलोशिप व्यक्तियों को दिया जाने वाला एक ऐसा पुरस्कार है जिसे रॉयल सोसाइटी ऑफ लंदन ने 'गणित, इंजीनियरिंग विज्ञान और चिकित्सा विज्ञान सहित प्राकृतिक ज्ञान के सुधार में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया जाता है.



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